तुम्हें मालूम ही था की
तुम्हें मालूम ही था
की मैं तन्हा नहीं रह सकता,
मेरे साथ रुक जाते मेरी
आदत बदलने तक !!
tumhen maalum hi tha
ki main tanha nahin rah sakata,
mere saath ruk jaate meri
aadat badalane tak !!
Shikayat Shayari
2 years ago
तुम्हें मालूम ही था
की मैं तन्हा नहीं रह सकता,
मेरे साथ रुक जाते मेरी
आदत बदलने तक !!
tumhen maalum hi tha
ki main tanha nahin rah sakata,
mere saath ruk jaate meri
aadat badalane tak !!
2 years ago