तुम्हे ग़ैरों से कब फुर्सत,
तुम्हे ग़ैरों
से कब फुर्सत, हम
अपने ग़म से कब ख़ाली,
चलो बस हो चुका मिलना, न
तुम ख़ाली न हम ख़ाली !!
tumhe gairon
se kab fursat, ham
apane gam se kab khaali,
chalo bas ho chuka milana, na
tum khaali na ham khaali !!
Shikayat Shayari
2 years ago