जब नहीं तुझको यक़ीं तो
जब नहीं तुझको यक़ीं
तो अपना समझता क्यूँ है,
रिश्ता रखता है तो फिर रोज़
परखता क्यूँ है !!
jab nahin tujhako yaqin
to apana samajhata kyun hai,
rishta rakhata hai to fir roz
parakhata kyun hai !!
Shikayat Shayari
2 years ago