आज़ वो यूँ रूबरू है
आज़ वो यूँ रूबरू है
मेरे सामने ए ग़ालिब,
जैसे कोई फ़लक का चाँद
ज़मीन पे उतरा हो !!
aaz wo yun rubaru hai
mere saamane e gaalib,
jaise koi falak ka chaand
zamin pe utara ho !!
Romantic Shayari
2 years ago
आज़ वो यूँ रूबरू है
मेरे सामने ए ग़ालिब,
जैसे कोई फ़लक का चाँद
ज़मीन पे उतरा हो !!
aaz wo yun rubaru hai
mere saamane e gaalib,
jaise koi falak ka chaand
zamin pe utara ho !!
2 years ago