ये सुबह का मन्ज़र भी
ये सुबह का मन्ज़र
भी क़यामत सा हसीन है,
तकिया है कहीं, ज़ुल्फ कहीं,
ख़ुद वो कहीं है !!
ye subah ka manzar
bhi qayaamat sa hasin hai,
takiya hai kahin, zulf kahin,
khud wo kahin hai !!
Romantic Shayari
2 years ago
ये सुबह का मन्ज़र
भी क़यामत सा हसीन है,
तकिया है कहीं, ज़ुल्फ कहीं,
ख़ुद वो कहीं है !!
ye subah ka manzar
bhi qayaamat sa hasin hai,
takiya hai kahin, zulf kahin,
khud wo kahin hai !!
2 years ago