मैं दिनभर ना जाने कितने
मैं दिनभर ना जाने
कितने चेहरों से रूबरू होती हूँ,
पर पता नहीं रात को ख्याल सिर्फ
तुम्हारा ही क्यूँ आता है !!
main dinabhar na jaane
kitane cheharon se rubaru hoti hun,
par pata nahin raat ko khyaal sirf
tumhaara hi kyun aata hai !!
Romantic Shayari
2 years ago