क़यामत टूट पड़ती है ज़रा
क़यामत टूट पड़ती है
ज़रा से होठ हिलने पर,
जाने क्या हश्र होगा जब वो
खुलकर मुस्कुराएंगे !!
qayaamat tut padati hai
zara se hoth hilane par,
jaane kya hashr hoga jab wo
khulakar muskuraenge !!
Romantic Shayari
2 years ago
क़यामत टूट पड़ती है
ज़रा से होठ हिलने पर,
जाने क्या हश्र होगा जब वो
खुलकर मुस्कुराएंगे !!
qayaamat tut padati hai
zara se hoth hilane par,
jaane kya hashr hoga jab wo
khulakar muskuraenge !!
2 years ago