उनसे राज़-ए-दिल छिपा-छिपा कर थक
उनसे राज़-ए-दिल
छिपा-छिपा कर थक सा गया हूँ,
सोंचता हूँ अब साफ साफ कह
दू की मुझे तू चाहिये !!
unase raaz-e-dil
chhipa-chhipa kar thak sa gaya hun,
sonchata hun ab saaf saaf kah
du ki mujhe tu chaahiye !!
Love Shayari
2 years ago