मेरे गुनाह मुझे मेरे सामने
मेरे गुनाह मुझे मेरे
सामने ही गिनवा दो दोस्तों,
ख़्वाहिश है की जब कफ़न में
छुप जाऊँ तो बुरा न
कहना !!
mere gunaah mujhe mere
saamane hi ginava do doston,
khvaahish hai ki jab kafan mein
chhup jaun to bura na
kahana !!
Friendship Shayari
2 years ago