जख्म इतने पड़े है की
जख्म इतने पड़े है की
जुड़ने का सोच भी नहीं सकता मैं,
किसीकी मुस्कराहट को देखते ही
कांपने लगता हूँ मैं !!
jakhm itane pade hai ki
judane ka soch bhi nahin sakata main,
kisiki muskaraahat ko dekhate hi
kaampane lagata hun main !!
Sad Shayari
2 years ago