मुमकिन नहीं है हर रोज
मुमकिन नहीं है हर रोज
मोहब्बत के नए किस्से लिखना,
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी
महफ़िल सजाना सीख लो !!
mumakin nahin hai har roj
mohabbat ke nae kisse likhana,
mere doston ab mere bina apani
mahafil sajaana sikh lo !!
Sad Shayari
2 years ago