मैं समझता था कि सिर्फ
मैं समझता था कि
सिर्फ दुश्मन ही है मेरे दुश्मन,
धीरे धीरे कुछ यार भी निकले
छुपे रुस्तम !!
main samajhata tha ki
sirf dushman hi hai mere dushman,
dhire dhire kuchh yaar bhi nikale
chhupe rustam !!
Sad Shayari
2 years ago