परिन्दें तो आज़ाद थे पिंजरें
परिन्दें तो
आज़ाद थे पिंजरें में भी,
कैद तो हम थे कहीं ना कहीं
जो उन्हें रिहा ना कर सके !!
parinden to
aazaad the pinjaren mein bhi,
kaid to ham the kahin na kahin
jo unhen riha na kar sake !!
Sad Shayari
2 years ago