खोलता न था जो दरवाज़ा
खोलता न था जो
दरवाज़ा किसीकी दस्तक पर,
वक़्त बदला तो आज दहलीज़
पे आ बैठा है !!
kholata na tha jo
daravaaza kisiki dastak par,
vaqt badala to aaj dahaliz
pe aa baitha hai !!
Sad Shayari
2 years ago
खोलता न था जो
दरवाज़ा किसीकी दस्तक पर,
वक़्त बदला तो आज दहलीज़
पे आ बैठा है !!
kholata na tha jo
daravaaza kisiki dastak par,
vaqt badala to aaj dahaliz
pe aa baitha hai !!
2 years ago