काँटों से क्या गिला वो
काँटों से क्या
गिला वो तो मजबूर
है अपनी फितरत से,
तकलीफ तो तब हुई जब फुल
भी जख्म देने लगें !!
kaanton se kya
gila wo to majabur
hai apani fitarat se,
takalif to tab hui jab ful
bhi jakhm dene lagen !!
Sad Shayari
2 years ago