मोहब्बत का कोई कुसूर नहीं
मोहब्बत का कोई कुसूर
नहीं उसे तो मुझसे रूठना ही था,
दिल मेरा शीशे सा साफ़ और शीशे का
अंजाम तो टूटना ही था !!
mohabbat ka koi kusur
nahin use to mujhase ruthana hi tha,
dil mera shishe sa saaf aur shishe ka
anjaam to tutana hi tha !!
Dard E Dil Shayari
2 years ago