वो कैसे समेट पायेगी खुद
वो कैसे
समेट पायेगी खुद को,
ज़र्रे-ज़र्रे से मेरे जब
निकाली जाएगी !!
wo kaise
samet payegi khud ko,
zarre-zarre se mere jab
nikali jayegi !!
Dard E Dil Shayari
2 years ago
वो कैसे
समेट पायेगी खुद को,
ज़र्रे-ज़र्रे से मेरे जब
निकाली जाएगी !!
wo kaise
samet payegi khud ko,
zarre-zarre se mere jab
nikali jayegi !!
2 years ago