बहते पानी की तरह फितरत
बहते पानी की
तरह फितरत है इश्क़ की,
रुकता नहीं,थकता नहीं ,थमता नहीं
और मिलता भी नहीं !!
bahate paani ki
tarah fitarat hai ishq ki,
rukata nahin,thakata nahin ,thamata nahin
aur milata bhi nahin !!
Dard E Dil Shayari
2 years ago